परमेश्वर, तू मेरी आँखों के लिए मुझे अपना सुरमा दे,
जिसको मैं अपनी आँखों में लगाकर देख सकूं वह जो तू चाहता है।
मेरा सुरमा सांसारिक आंसुओं से धुल जाता है,
तेरी दया और आदर्शों का रंग मेरी आँखों में छाता है।
इस दृष्टि से देखूं जीवन की नई राह, तेरे मार्ग में चलूं मैं बिना दुख के।
#मेरी कलम से
स्वरचित : शालिनी तिवारी