नयी खुशियाँ मुबारक तुम्हें, मुबारक
हो नए दिन और रात !
जहां कली खिली हो नयी-नयी, वहाँ ना
करना मुरझाए फूल की बात !!
- देने-लेने को लेकर, न होगी फिर अब कोई बात !
उम्मीद है इस बार दहेज बनेगा लक्ष्मी की सौगात !!
नयी खुशियाँ मुबारक तुम्हें, मुबारक
हो नए दिन और रात !
जहां कली खिली हो नयी-नयी, वहाँ ना
करना मुरझाए फूल की बात !!
- उम्मीद है इस बार न होगी
मम्मी-मम्मी करके बात !
बाहर निकलोगे गोदी से, टूटे होंगे
दूध के दाँत !!
नयी खुशियाँ मुबारक तुम्हें, मुबारक
हो नए दिन और रात !
जहां कली खिली हो नयी-नयी, वहाँ ना
करना मुरझाए फूल की बात !!
- मेरे ही लिए थे तुम्हारे
घर मे सारे दक़ियानूसी रिवाज !
इस बार न होगा बेटी और
बहू को लेकर वाद-विवाद !!
नयी खुशियाँ मुबारक तुम्हें, मुबारक
हो नए दिन और रात !
जहां कली खिली हो नयी-नयी, वहाँ ना
करना मुरझाए फूल की बात !!
- ना-पसंद थी उनको में, तुमने
भी न समझे हालात !
बीवी-बच्चे को ठुकराकर
कर दी मर्दों वाली बात !!
नयी खुशियाँ मुबारक तुम्हें, मुबारक
हो नए दिन और रात !
जहां कली खिली हो नयी-नयी, वहाँ ना
करना मुरझाए फूल की बात !!
- तुम खुश हो यह जान गयी
मैं, मान गयी अब सारी बात !
अपनों की लाशों के ऊपर
करोगे नए घर की शुरुवात !!
नयी खुशियाँ मुबारक तुम्हें, मुबारक
हो नए दिन और रात !
जहां कली खिली हो नयी-नयी, वहाँ ना
करना मुरझाए फूल की बात !!
***स्वरचित***