कसक जो तेरे नाम की अब भी
इस दिल मे है,
वो चली जाए तो थोड़ा चैन लूँ
।
गुजरते वक़्त के साथ जो हैवानियत
तुझमे आ गयी है,
उसमे मासूमियत आए तो थोड़ा
चैन लूँ ।
गर्व था मुझे कि ना भटकोगे
किसी और के गलियारे मे तुम,
फिर से मेरी गली पकड़ो तो
थोड़ा चैन लूँ ।
छल, फरेब, और झूठ से जिये
हो अब तक,
एक बार प्यार भरी वफादारी
दिखाओ तो थोड़ा चैन लूँ ।
दिलों से खेलने कि तुम्हें
आदत सी हो गयी है,
किसी को दिल से अपनाओ तो
थोड़ा चैन लूँ ।
हर बार मेरी आँखों को तुमने
आँसू दिये है,
मेरे होंठों पर मुस्कान लेकर
आओ तो थोड़ा चैन लूँ ।
आईना भी मेरी बिंदिया पर
हँसता है, बोलता है &
कि अपने नाम कि ये बिंदिया
तो वो किसी और को दे चुका है,
मेरे सूने माथे पे वो बिंदिया
सजाये तो थोड़ा चैन लूँ ।
सत्य से वाकिफ हूँ, कि सब कल्पना मात्र है,
यही कल्पनाएँ सत्य मे बदल
जाएँ तो थोड़ा चैन लूँ ।
मेरी कलम पर ना जाना तुम, ये मदमस्त कुछ भी लिखती है,
बस इसकी स्याही सूख जाए तो
थोड़ा चैन लूँ ।
स्वरचित